पेश किए गए अंतरिम बजट को बेहद निराशाजनक
सहारनपुर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट से सरकारी कर्मचारियों को कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। दानिश सिद्दीकी ज़िला मंत्री’ उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने कहा की अंतरिम बजट में राज्य कर्मचारियों के विषय पर कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से कर्मचारियों में मायूसी छाई हुई है। सरकार, निजीकरण की ओर भागती जा रही है।
केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में करोड़ों सरकारी कर्मियों के हाथ खाली रहे। हमे उम्मीद थी कि सरकार इस बजट में पुरानी पेंशन जैसे मुद्दों पर कोई घोषणा कर सकती है। सरकार ने इस बाबत कोई घोषणा नहीं की। केंद्रीय कर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी दे रखी है। ’धर्मिंदर प्रधान जिलाध्यक्ष’ ने कहा की पेश किए गए अंतरिम बजट को बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा, यह बजट वर्तमान सरकार का आखिरी बजट था। इस बजट के बाद सरकार को चुनाव में जाना है। इस कारण केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी, प्रधानमंत्री मोदी की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे थे।
तरुण भोला मुख्य सलाहकार’ उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने कहा की सरकारी कर्मियों को उम्मीद थी कि भारत सरकार बजट में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करेगी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से रेलवे, रक्षा, डाक, आयकर, अकाउंट एंड ऑडिट, डीएई, सभी राज्यों के सरकारी कर्मचारी, प्राथमिक शिक्षक,हाई स्कूल टीचर, उच्च शिक्षा विभाग, कालेज एवं यूनिवर्सिटी आदि का स्टाफ निराश है।
महासंघ के ’सोमपाल राणा मण्डल अध्यक्ष’ ने कहा की यह देश का दुर्भाग्य है कि देश कि सेवा में दिन-रात लगे रहने वाले करोड़ों कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया गया। देश में निजीकरण बढ़ता जा रहा है। रोजगार पर भी सरकार को कोई स्पष्ट विजन सामने नहीं आया। ऐसे में रोजगार के अवसर कहां से और कैसे उपलब्ध होंगे, कोई नहीं जानता। सरकार का फोकस आउटसोर्सिंग/संविदा के तहत कर्मचारियों की भर्ती पर है। इससे कर्मचारियों का शोषण लगातार जारी रहेगा।
’महासंघ के संरक्षक अर्जुन सिंह त्यागी’ ने कहा की अंतरिम बजट सरकारी कर्मचारियों के लिए अत्यधिक निराशाजनक है। शिक्षक एवं दूसरे कर्मियों के विषय में वर्तमान सरकार संवेदनहीन है। देश के विकास में इन कर्मियों का अतुलनीय योगदान है। इसके बावजूद कर्मचारी वर्ग को नजरअंदाज किया जा रहा है। कर्मियों के मुद्दों पर आंखें बंद करना, यह सरकार की नियति व नीति, दोनों को दर्शाता है। ’नीरू सिंह प्रदेश प्रवक्ता’ उ०प्र० मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने कहा, लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित होने पर निश्चित तौर पर वह स्वावलंबी बनकर आगे बढ़ सकेगीं। उनमें भी कुछ करने का जज्बा पैदा होगा।