जहाँ दुर-दुर तक कुछ नहीं दिखता,
वहाँ द उम्मीद मिलता है,
मरे हुए इंसान के अंदर,
हौसले का उड़ान भरता है,
ऐसे ही द उम्मीद कार्य करता हैं,
शिक्षा का पाठ पढ़ाता है,
हर बच्चों को आगे बढ़ाता है,
उम्मीद की एक नई किरण,
अपनी मेहनत से खिलाता है,
द उम्मीद अपनी मेहनत से,
आज पूरे भारत में जाना जाता है।।
मुस्कान केशरी
मुजफ्फरपुर बिहार