सेवा वर्णिक छंद January 06, 2024 • दैहिक स्वतंत्रता न्यूज़ नेटवर्क अज्ञात की, कला नव वर्ष। ज्यों प्रार्थना, भरे हिय हर्ष। संवाद को, करे गतिमान -कर्तव्य में, उमंग प्रकर्ष ।संघर्ष दे, विवेक सुहान। समृद्धि की, विभक्ति समान।सातत्य हो, सुभाव प्रवाह-संस्कार हों स्वदेश विधान। मीरा भारती,पटना, बिहार।