1-रात का पंछी कहते मुझको,
जरा लगाओ ध्यान।
गोल गोल दो आँखे मेरी,
है मेरी पहचान।।
2-रात रात भर उड़ता जाऊं
अजब निराली बात।
पंछी मुझको समझ न लेना,
बोलो पवन प्रभात।।
3- मध्य हटे तो "गला" बनूँ मैं,
अंत हटे तो "गम"।
मुझ पर फूल सजाओ बच्चों,
रखो पास हरदम।।
4- नाम सुने तो सब थर्राते ,
नहीं है मेरे कान।
कंम्पन से दुश्मन पहचानूँ ,
है मेरी पहचान।।
उत्तर 1-उल्लू, 2-चमगादड़, 3-गमला, 4-सांप
रचनाकार-
डॉ० कमलेन्द्र कुमार (प्र०अ०)
प्राथमिक विद्यालय डगरु का पुरवा
कुठौंद जालौन (उ०प्र०)
मोबाइल नंबर- 9451318138