श्री राम फिर पधारेंगे,
आज अयोध्या धाम में,
जगमग - जगमग दीप जलेंगे,
फिर आज अयोध्या धाम में |
जन-जन पुलकित कण -कण पुलकित,
जीव -जंतु सब पुलकित हैं,
विहग -वृंद करलव गान करेंगे,
फिर आज अयोध्या धाम में |
सरयू का जल हिलोर ले रहा,
कब सीता-राम पधारेंगे,
अपने शीतल जल से हम,
कब उनके पांव पखारेंगे,
जय जयकार गूंज उठा है,
फिर आज अयोध्या धाम में |
श्री राम फिर पधारेंगे,
आज अयोध्या धाम में,
जगमग -जगमग दीप जलेंगे,
फिर आज अयोध्या धाम में |
हर घर में शबरी बैठी है,
स्वागत में मीठे बेर लिए,
फिर बेर प्रेम के खाएंगे,
श्री राम अयोध्या धाम में |
रघुवर आएंगे जब अपनी,
वैदेही को साथ लिए,
हर्षित होंगे सब नर -नारी,
फिर आज अयोध्या धाम में |
श्री राम फिर पधारेंगे,
आज अयोध्या धाम में,
जगमग -जगमग दीप जलेंगे,
फिर आज अयोध्या धाम में |
दानव थर -थर कांपेंगे,
चहुंओर दिशा में भागेंगे,
तब दुष्टों का संहार करेंगे,
फिर राम अयोध्या धाम में |
राम राज्य फिर आएगा,
जीवन में खुशियां लाएगा,
लोगों के संताप हरेंगे,
फिर राम अयोध्या धाम में |
श्री राम फिर पधारेंगे,
आज अयोध्या धाम में
जगमग जगमग दीप जलेंगे,
फिर आज अयोध्या धाम में |
जय श्री राम
स्वरचित- प्रीति श्रीवास्तव (स. अ.)
पूर्व मा. वि. गढी़ छतेना
देवां- बाराबंकी
पता -3/146 विवेक खण्ड गोमती नगर, लखनऊ