श्री अयोध्या जी में राम,
भारत भूमि में राम,
सम्पूर्ण धरा में राम,
गगन क्षितिज में राम।
जीवन की पहली सांस में राम,
अंतिम श्वास के बाद राम।
वाल्मीकि, तुलसी साकार राम,
कबीर,नानक के निराकार राम,
सबकी वाणी में राम ही राम।
सम्बोधन में राम,
चिंतन में राम,
मर्यादा में राम,
आशा में राम,
निराशा में राम,
मंदिर में राम,
भक्त के मन में राम,
तीर्थ में राम,
पावन जल में राम,
हृदय में राम,
आत्मा में राम,
सम्पूर्ण धरा में राम ही राम।
बेला विरदी
1382, सेक्टर-18
जगाधरी (हरियाणा)
8295863204