आँख में अश्क आये जिसके

आँख में अश्क आये जिसके

जमाना कहता वो है कमज़ोर। 


जिसने कुछ हटकर कर दिखाया

जमाने में केवल उसी का चले ज़ोर।


करते हैं इस जीवन में सब मनमानी

लेकिन पकड़े हुए हैं एक दूसरे की डोर।


झूठा व्यवहार है इस जहाँ में

जाना है मुझे केवल यथार्थ की ओर।


कहानी और कथाओं में क्या रक्खा है

इसे सुनने के बाद भी मचा हुआ है शोर। 


हर  चेहरे पर चढ़ा हुआ है नका़ब

शराफ़त पहचाने कैसे लगते सब चोर।


सुमंगला सुमन

मुम्बई, महाराष्ट्र