सर्दियां बढ़ा सकती हैं आर्थराइटिस की दिक्कत, जरूर बरतें ये सावधानी

आर्थराइटिस, जोड़ों में होने वाली बहुत आम सी दिक्कत है, आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा काफी बढ़ जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं, 45 की आयु के बाद महिला और पुरुष दोनों में इस समस्या का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। इसके अलावा लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण कम उम्र के लोगों में भी इसका जोखिम रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र से ही इस समस्या से बचाव के लिए सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मौसम में भी बदलाव का भी इस स्वास्थ्य समस्या पर असर देखा जाता रहा है। जिन लोगों को गठिया की बीमारी होती है, उनके लिए सर्दियों का समय कठिनाइयों भरा हो सकता है। ठंडा मौसम आर्थराइटिस की समस्या को और भी ट्रिगर कर सकता है, इसमें सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। 

सर्दियों में ट्रिगर हो सकती है आर्थराइटिस की दिक्कत

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, तापमान में गिरावट के साथ रक्त वाहिकाओं में संकुचन होने लगता है, जिससे जोड़ों में सूजन-कठोरता की दिक्कत हो सकती है। बैरोमीटर दबाव के कारण ठंड के मौसम में गठिया का दर्द अधिक महसूस होता है और जोड़ों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जिन लोगों का वजन अधिक होता है, उनके लिए ये मौसम कई और भी प्रकार की जटिलताओं को बढ़ाने वाला हो सकता है।

शरीर को रखें गर्म

आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, ठंडा तापमान, दर्द-संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, इसमें रक्त परिसंचरण भी धीमा हो जाता है जिससे मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ जाती है। इस तरह की समस्याओं से बचाव के लिए जरूरी है कि आप ठंड से बचाव करें। अपने आप को गर्म रखने के लिए टोपी, दस्ताने और स्कार्फ पहनें और इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड से जोड़ों की सेकाई करें।  जोड़ों की कठोरता को कम करने के लिए हल्के गर्म पानी से स्नान करें।

नियमित व्यायाम बहुत जरूरी

गठिया के दर्द से बचने और अपने जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम सबसे अच्छी चीज है। नियमित शारीरिक गतिविधि ऊर्जा को बढ़ावा देने और ताकत-लचीलेपन में सुधार करने में मदद करती है। व्यायाम से फील-गुड हार्मोन भी रिलीज होता है जो शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। प्रत्येक सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम का लक्ष्य रखें।

एंटीइंफ्लामेटरी आहार का करें सेवन

अपने आहार में बदलाव करने से गठिया को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है। स्वस्थ पौष्टिक आहार, जिसमें एंटीइंफ्लामेटरी चीजें शामिल हों ये सूजन को कम करने, हड्डियों को मजबूत करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे वसायुक्त मछली, नट्स और सीड्स को आहार का हिस्सा बनाने से लाभ मिल सकता है।