सैकड़ों मोहल्लावासी और परिवारजन ने नम आंखों से दी विदाई
07 दिसम्बर को पालीतणा में बाड़मेर के चन्द्रप्रकाश बनेंगे जैन मुनि
बाड़मेर। स्थानीय विघ्नहरा पार्श्वनाथ जिनालय से बाड़मेर के मुमुक्षु चन्द्रप्रकाश छाजेड़ का दीक्षा के रवाना होने के लिए हुई बाड़मेर से विदाई। मुमुक्षु के भाई दिनेश छाजेड़ ने बताया कि बाड़मेर के छोटे से कस्बे के जसाई गांव के निवासी मटकोदेवी भगवानदास छाजेड़ के सुपुत्र मुमुक्षु चन्द्रप्रकाश छाजेड़ की 07 दिसम्बर को शाश्वत तीर्थ पालीतणा की धन्य धरा पर आचार्य श्री जिनपीयूषसागरसूरीश्वर के हाथों दीक्षा ग्रहण करेंगें। दीक्षा ग्रहण करने से पूर्व शनिवार को प्रातः 11.00 बजे निवास स्थान से परिवारजन व मोहल्ले वासियों द्वारा नम आंखो से खुशी भी व गम के साथ ढोल ढमाके व नाचते गाते विदाई दी गई।
विदाई के दौरान मुमुक्षु के निवास स्थान से सैकड़ों महिलाओ और पुरूषों के साथ विघ्नहरा पार्श्वनाथ के दर्शन कर निजी वाहन से पालीतणा की रवाना हुए और पालीतणा में 04 दिसम्बर से 07 दिसम्बर तक दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित होगा। मुमुक्षु चंद्रप्रकाश छाजेड़ ने गृह त्याग से पूर्व परमात्मा, गुरुदेव व अपने पूर्वजों को नमस्कार वंदन किया, अपने घर पर कुमकुम के छापे किये व सभी गालों पर कुमकुम लगाया। छाजेड़ ने अपने उद्बोधन में दुर्लभतम मनुष्य जीवन का महत्व व संयम महत्ता को समझाया एवं अपने परिजनों, मौहल्लेवासियों से क्षमायाचना की।
ये होंगे पालीताना में त्रिदिवसीय कार्यक्रम-शत्रुंजय महातीर्थ पर दीक्षा महोत्सव के त्रिदिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिन 05 दिसम्बर को केशर छांटणा, सह वस्त्रालेखन, डोरा बंधन, विरति गीत, संयम सुवासित सांस्कृतिक कार्यक्रम, 06 दिसम्बर को रस्म रथयात्रा, ओढी सजाना (दीक्षा परिवेश की तैयारी), अभिनन्दन सह विदाई का कार्यक्रम व 07 दिसम्बर को महाभिनिष्क्रमण महायात्रा, प्रवज्या विधि प्रारम्भ के बाद दीक्षा महोत्सव आयोजित होगा जिसमें पुरे भारत भर से हजारों गुरूभक्त अपनी आंखो से दीक्षा का कार्यक्रम निहारेंगे।