कि
तुम मेरे नजरों सें नजरें मिलाया ना करों,
दिल खो बैठोगें।
कि
तुम मेरी बातों कों दिल सें यूँ लगाया ना करों,
जज़्बात खों दोगे।
कि
तुम मुझे अपनी जिदंगी में यूँ बुलाया ना करों,
जिंदगी खों दोगे ।
कि,
तुम मुझे इतनी मोहब्बत सें यूँ पास बैठाया ना करों,
जान गवा दोगें।
कि
तुम मुझे अपना बना लोंगें यूँ सपनें सजाया ना करों,
मारें जाओगें।।
मुस्कान केशरी
मुजफ्फरपुर बिहार