19 जन जागरण

 जागो हे भारत के सोए वीर तुम्हें जगाने आया हूँ ।

भारत की करुण वेदना को तुम्हें सुनाने आया हूँ ।।


 पहले तो मुगलों के आतंक और अत्याचार पर चुप रहे ।

 फिर अंग्रेजों की गुलामी कर भी तुम नींद से ना जाग सके ।।


 अब भारत माता सिसक रही है अपनों के दुर्व्यवहार से ।

जागो हे  भारत के सोए वीर अब तो इनके अत्याचार से ।।


 उस दौर में जयचंद ने मुगलों से मिलकर किया धोखा ।

आज के दौर में तो जयचंदों का पग पग पर मिल रहा धोखा ।।


 कभी दुश्मन की बोली बोल कर भारत  का मान घटाता है ।

या फिर ड्रैगन संग कानाफूसी कर अंदर की बात बताता है ।।


 वंदे मातरम कहने में भी इनको आती है बहुत शर्म ।

 शर्त लगाकर भारत की मिट्टी में पलते हैं ये बेशर्म ।।


 आतंकी को अपना चाचा तक कहने में ना करते परहेज ।

 संग इसके मुर्ग

                      

श्री कमलेश झा भागलपुर बिहार