जागो हे भारत के सोए वीर तुम्हें जगाने आया हूँ ।
भारत की करुण वेदना को तुम्हें सुनाने आया हूँ ।।
पहले तो मुगलों के आतंक और अत्याचार पर चुप रहे ।
फिर अंग्रेजों की गुलामी कर भी तुम नींद से ना जाग सके ।।
अब भारत माता सिसक रही है अपनों के दुर्व्यवहार से ।
जागो हे भारत के सोए वीर अब तो इनके अत्याचार से ।।
उस दौर में जयचंद ने मुगलों से मिलकर किया धोखा ।
आज के दौर में तो जयचंदों का पग पग पर मिल रहा धोखा ।।
कभी दुश्मन की बोली बोल कर भारत का मान घटाता है ।
या फिर ड्रैगन संग कानाफूसी कर अंदर की बात बताता है ।।
वंदे मातरम कहने में भी इनको आती है बहुत शर्म ।
शर्त लगाकर भारत की मिट्टी में पलते हैं ये बेशर्म ।।
आतंकी को अपना चाचा तक कहने में ना करते परहेज ।
संग इसके मुर्ग
श्री कमलेश झा भागलपुर बिहार