मौसम में बदलाव होने लगी है। ठंड बढ़ने लगी है। ऐसे में बच्चे या बड़े, सबकी तबियत खराब हो सकती है। खासकर, जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वे इस मौसम में आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। इनमें नवजात शिशु भी शामिल होते हैं। जरा सी लापरवाही उनकी सेहत को बहुत ज्यादा परेशान कर सकती है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे कुछ घरेलू नुस्खों को आजमाएं अपने और अपने नवजात शिशु को बीमार पड़ने से रोकें।
अगर किसी वजह से वे बीमार पड़ जाएं, तो उन्हें इन नुस्खों की मदद से उनकी रिकवरी भी तेजी से हो सकती है। यही नहीं, इससे उनकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। उनके स्वास्थ्य पर इसका प्रतीकूल असर पड़ सकता है। खैर, यहां दिए गए नुस्खों को आप आसानी से घर में आजमा सकते हैं।
ज्यादा से ज्यादा लिक्विड पिलाएं
नवजात शिशुओं को मां के दूध के अलावा कुछ भी देने की जरूरत नहीं है। मां को चाहिए कि वे अपने नवजात शिशु को ज्यादा से ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क पिलाएं। इससे शिशु को सर्दी-जुकाम से रिकवर होने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों की मानें, तो अगर आपका शिशु 6 माह से ज्यादा उम्र का है, तो आप उसे हल्का गुनगुना पानी भी पीने के लिए दे सकते हैं। नवजात शिशु को सर्दी-जुकाम होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए दिया जाना चाहिए।
नवजात शिशु की नाक साफ रखें
सर्दी-जुकाम होने पर बच्चे को सबसे ज्यादा दिक्कत नाक से सांस लेने में आती है। इस तरह की कंडीशन बच्चे को बहुत ज्यादा परेशान रखती है। अगर सर्दी-जुकाम में शिशु की प्रॉपर केयर न की जाए, तो यह कंडीशन निमोनिया में बदल जाती है। ऐसा आपके बच्चे के साथ न हो, इसके लिए उसकी नाक को हमेशा साफ रखने की कोशिश करें।
नैजेल सलाइन ड्रॉप का यूज करें
कई बार डॉक्टर बच्चे को सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने के लिए नैजेल सलाइन ड्रॉप परामर्श के तौर पर देते हैं। यह किसी भी केमिस्ट में आसानी से मिल जाती है। दरअसल, नैजेल सलाइन ड्रॉप की मदद से नाक में मौजूद बलगम को लूज किया जाता है। इससे बच्चे को नाक क्लीन होने में मदद मिलती है।
बचाव के लिए क्या करें
इस मौसम में बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है और उसे बार-बार सर्दी-जुकाम हो जाता है। इस तरह की सिचुएशन से बचने के लिए जरूरी है कि आप कुछ उपाय आजमाएं-
जब भी बच्चे को गोद में लें, अपने हाथ धोना न भूलें।
जो बीमार हैं, उन्हें बच्चे के पास आने न दें। आप स्वयं भी बीमार व्यक्ति के पास बच्चे को न ले जाएं।
बच्चे के पास उन्हें आने दें, जो स्वस्थ हैं और किसी तरह की हेल्थ से जुड़ी समस्या उन्हें नहीं है।