मुस्कुराहट चेहरे का नूर बढ़ा देती है,
मुस्कुराहट सैकड़ों ग़म छुपा लेती है।
हों राह में शिलाखंड नहीं घबराना चाहिए,
मुश्किलों को ढाल बना मुस्कुराना चाहिए।
मुस्कुराकर जब कोई कहता मैं तुम्हारे साथ हूँ,
आधे दुःख दूर हो जाते जब कहता मैं पास हूँ।
तबीब है यह हर मर्ज़ की ,इसे न भूल जाइये,
सुख हो या दुःख तबस्सुम के फूल खिलाइये।
इक मुस्कान कई दुखों पर पड़ जाती भारी,
हर उलझन को दूर करती यह खुशियों की चाबी।
ओढ़ नैसर्गिकता की चादर अधरों पर हँसी लाइये,
प्रचंड वेग झंझा की मुस्कुराकर पार कर जाइये।
डॉ. रीमा सिन्हा (लखनऊ )