पाकिस्तान ने अब तक 1.70 लाख से अधिक अफगानों को जबरन देश से निकाला, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों ने की आलोचना

इस्लामाबाद : पाकिस्तान अपने प्रवासियों को वापस भेजने के अभियान के तहत अब तक 1.70 लाख से अधिक अफगानों को जबरन देश से निकाल चुका है। पाकिस्तान में अवैध रूप से रहे विदेशी नागरिकों को निकालने के अभियान के तहत रविवार को 6,500 से अधिक और अफगानिस्तानी नागरिकों ने तोरखम सीमा के रास्ते देश छोड़ दिया। इन्हें मिला कर पाकिस्तान छोड़ने वाले अफगान नागरिकों की कुल संख्या 1,70,000 से अधिक हो गई है। सीमा सरकार ने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को एक नवंबर तक पाकिस्तान छोड़ने का आदेश देते हुए कहा था कि ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसके इस कृत्य की अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों द्वारा जमकर आलोचना की जा रही है।

पाक सरकार के आदेश के बाद से ही इन नागरिकों की  वापसी जारी है। समाचार पत्र डॉन ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि 17 सितंबर से कुल 1,74,358 अफगान नागरिक अपने देश रवाना हो चुके हैं। स्वैच्छिक वापसी जारी है और हर बीतते दिन के साथ वापस जाने वालों की संख्या घट रही है। पाकिस्तान से प्रवासियों को वापस भेजने के अभियान में शामिल एक अधिकारी ने कहा, प्रवासियों को दी गई समय सीमा के खत्म होने तक देश की सीमा पर प्रवासियों की बड़ी संख्या थी लेकिन अब यह घट रही है।

 आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं और बच्चों समेत 6,584 अफगान नागरिकों ने रविवार को पाकिस्तान छोड़ दिया। वहीं शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब की विभिन्न जेलों से 209 कैदियों को 46,936 पुरुषों, 35,507 महिलाओं और 85,331 बच्चों के साथ वापस भेजा गया। पाकिस्तान से तीन नवंबर को 148 कैदियों, 44,718 पुरुषों, 33,699 महिलाओं और 82,221 बच्चों को वापस भेजा गया। आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि अपनी इच्छा से अफगानिस्तान लौटने वाले लोगों के अलावा छोटे-मोटे अपराधों के कारण जेल में बंद कैदियों को भी वापस भेजा जा रहा है। कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई के अनुसार, चमन सीमा से अफगानिस्तान के लगभग 700 नागरिक अपने देश गए। 

मंत्री ने रविवार को क्वेटा के आयुक्त हमजा शफकत के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के 54,000 से अधिक नागरिक अपने देश लौट गए हैं। अधिकारियों ने अफगान परिवारों को यह भी आश्वासन दिया है कि स्वदेश वापस जाने का सारा खर्च सरकार उठाएगी। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों ने देश में रह रहे लाखों अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के पाकिस्तान के कदम की आलोचना की है।