खनन विभाग खेल रहा नोटिस-नोटिस का खेल

बाकी स्टोन क्रेशरों को माल ठिकाने लगाने का इशारा

सहारनपुर। तहसील बेहट अपने आप मे देश नहीं विदेशों तक चर्चाओं में रहता है पहले नंबर पर फल पट्टी के नाम से जाना जाता है तो दूसरे नंबर पर खनन। फलों की बात की जाए तो सीजन में ही चर्चा में रहता है तहसील बेहट पर अगर खनन की बात की जाए तो हर सीजन में चर्चाओं में रहता है।  

बड़ा सवाल यह है कि जब एसडीएम बेहट द्वारा लगातार बिना कागजों की गाड़ियां पकड़ी जा रही है जो कि अपने आप में ही क्रेशरों पर परमिशन से अधिक माल है यह साबित करती है ऐसे में विभाग द्वारा सात स्टोन क्रेशरों को नोटिस देकर बाकियों को समय दिया आखिर क्यों? एसडीएम बेहट द्वारा लगभग दो दर्जन से ज्यादा क्रेशरों के नाम अपनी रिपोर्ट में लिखे गए थे 7 को ही नोटिस क्यों? तहसील बेहट क्षेत्र में 100 से अधिक स्टोन क्रेशर हैं ओर इस समय बरसात के चलते खनन पट्टे भी बंद है ऐसे में विभाग अगर इनकी पैमाइश करें तो सरकार को करोड़ों का रेवेन्यू प्राप्त हो सकता है परंतु खनन विभाग नोटिस नोटिस क्यों खेल रहा है?

यूं तो 3 वर्ष पहले सहारनपुर स्टोन क्रेशर एसोसिएशन भी बनी जो कि अवैध खनन को रोकने की बात भी कहती रही यहां तक के एसोसिएशन के अध्यक्ष ने यह भी कहा जो क्रेशर गलत पाए जाएं उन पर पांच लाख का जुर्माना लगाया जाए पर सवाल यह भी है अगर दो दर्जन से ज्यादा स्टोन क्रेशर की रिपोर्ट एसडीएम बेहद ने बनाकर भेजी है तो एसोसिएशन क्यों चुप है.. क्यों नहीं की गई पैमाइश क्यों नहीं किया जुर्माना क्या विभाग और एसोसिएशन के पीछे का है कोई राज या भागीदारी...?