तीन रंगों से बना तिरंगा
मेरे देश की शान है
इसी से तो बनता
मेरा भारत महान है
यह तिरंगा न झुके कभी
लाखों वीरों ने दे दी कुर्बानियां
अंग्रेजों से लोहा लिया
लुटा दी अपनी जवानियाँ
1962 का युद्ध हो
या हो कारगिल की लड़ाई
इस तिरंगे की आबरू बचाने को
वीरों ने अपनी जान थी दाव पर लगाई
धन्य हैं वह वीर बहादुर
जो देश पर जान लुटाते हैं
साधारण कपड़ों में जाते हैं घर से
तिरंगे में लिपटकर वापिस आते हैं
इस तिरंगे की शान कभी न कम हो
आओ यह प्रण लें यह सौगंध खाएं
इज़्ज़त और मान दें इस तिरंगे को
हर घर इस बार तिरंगा फहराएं
रवींद्र कुमार शर्मा
घुमारवीं
जिला बिलासपुर हि प्र