माँ की मोहब्बत तो होती अनमोल है।
क्षिति धरा में न कोई इसकी सानी है,
माँ की मोहब्बत निष्पक्ष और रूहानी है।
माँ के आँचल में पलता फूलों सा बचपन,
माँ की ममता जैसा न हुआ कोई जन्नत।
माँ शब्द,माँ ही रचना माँ के चरणों में,
ममत्व और खुशियों की कहानी है।
माँ की नज़रों में सबसे सुंदर उनकी संतान,
नज़र उतारती है माँ हर पल देती है ध्यान।
पूछो उनसे जिनकी माँ नहीं रहती है,
सूना होता है संसार,दुनियां वीरान।
रीमा सिन्हा
लखनऊ-उत्तर प्रदेश