उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म होते ही आम जनता पर मोदी सरकार के हमलों की बाढ आ गई है। रसोई गैस के दाम में 50 रूपये की वृद्धि कर दी गई है। डीजल के थोक दामों में 25 रूपये की वृद्धि की गई और खुदरा पेट्रोल, डीजल के दामों में रोज बढोत्तरी हो रही है। मजदूरों के ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती कर दी गई है जिससे मजदूरों की गाढ़ी कमाई से हुई बचत पर गहरा असर होगा।
विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के जरिए सरकार बिजली क्षेत्र का निजीकरण करने में लगी है जिससे आम उपभोक्ताओं विशेषकर किसानों को महंगी बिजली खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। रेलवे, एयर लाइंस, बंदरगाह, बिजली, कोयला, बैंक, बीमा, तेल, बीएसएनएल जैसी सार्वजनिक राष्ट्रीय सम्पदा को बेचा जा रहा है। रोजगार का संकट गहरा रहा है और आर्थिक असमानता बढ़ रही है। इसके खिलाफ देश के सभी प्रमुख श्रमिक संघों ने 28-29 मार्च को अखिल भारतीय हड़ताल का आयोजन किया है जिसका आइपीएफ समर्थन करता है।