मां अष्टभुजी देवी पाताली देवी का भव्य जागरण एवं भंडारा

 
जहानाबाद बिन्दकी। यूं तो  जहानाबाद  मंदिरों एवं मस्जिदों का  नगर ही है मिली-जुली आबादी होने के कारण  मंदिर और मस्जिद  दोनों का अपना महत्व है  दोनों ही धर्म संप्रदाय के लोग  आपसी भाईचारे के साथ  यहां पर  रहते हैं  इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है  अष्टभुजी देवी  या पाताली देवी का मंदिर  प्राचीन  कहावतों के अनुसार मा पाताली देवी का मंदिर  पहले  जहानाबाद स्थित  नोनारा गांव में था  जहां पर  एक दिन  मां अष्टभुजी देवी ने पुजारी को दर्शन देकर  बताया कि  मैं  अब रिंद नदी के किनारे वाले क्षेत्र में आ गई हूं  और  अब मेरा  यही रहने का मन है  अतः  मुझे  जमीन के अंदर से  खोदकर बाहर निकाला जाए  और  यहीं पर  मेरा मंदिर बना कर  पूजा  पाठ किया जाए  तो मैं  साधक को  उसकी इच्छा के अनुसार  फल प्रधान करूंगी  कहावत है  कि श्रद्धालुओं ने  जब खोज कर देगा  तो मां पाताली देवी का मंदिर प्रकट हुआ  इसीलिए  मंदिर बहुत गहराई में स्थित है  और इसीलिए  मां का एक नाम  पाताली देवी भी पड़ गया  मंदिर मे एक स्त्रोत ऐसा भी है जिससे बराबर पानी आता रहता है और किसी भी मौसम में इस पानी का आना बंद नहीं होता है आज तक किसी को यह पता ना चल सका कि आखिर यह पानी आता कहां से है श्रद्धा का केंद्र मां अष्टभुजी देवी के मंदिर में हर बार की भांति इस बार भी आज 13 सितंबर को जागरण एवं भंडारे का कार्यक्रम चल रहा है मां के श्रद्धालु भारी मात्रा में उपस्थित होकर मां का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं मेला का मुख्य आकर्षण विशाल आनंद पार्टी द्वारा जागरण भोले बाबा की आरती शिव तांडव सुदामा चरित्र फूलों की होली बजरंगबली का आगमन इत्यादि है मेला कमेटी के अध्यक्ष नागेंद्र उत्तम की देखरेख में होता है इंदल उत्तम एवं संजय उत्तम मेले का संचालन करते हैं तो वहीं पर व्यवस्था की कमान सर्वेश गुप्ता एवं श्याम बाबू गुप्ता के हाथ में रहती है मेले का प्रबंधन राम सिंह उत्तम द्वारा किया जाता है ।