बांदा। पांच दिनों पहले बिसंडा थाना क्षेत्र के अलिहा गांव में हुई ओला कैब चालक हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो हिस्ट्रीशीटर समेत छह हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त दो तमंचे और कारतूस व मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक धोखे में ओला कैब चालक की हत्या हुई थी। हत्यारे अधिवक्ता के भतीजे को जान से मारना चाहते थे। पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करने वाली स्वाट टीम को 10 हजार रुपये ईनाम की घोषणा की।
पुलिस लाइन सभागार में रविवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक गणेश साहा ने पकड़े गए हत्यारोपियों को मीडिया के समक्ष पेश करते हुए बताया कि लखनऊ के एलडीए कालोनी कृष्णा नगर निवासी ओला कैब चालक राजीव कुमार गुप्ता पुत्र प्रभुदयाल गुप्ता की पांच दिनों पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मृतक कैब चालक के पिता की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या समेत कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्वाट टीम, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस सेल और एसओजी घटना के खुलासे में जुट गईं। शनिवार को शाम करीब सात बजे बिसंडा थाना क्षेत्र के कोनी रोड के पास से हत्यारोपी महेश द्विवेदी उर्फ भेला पुत्र बाबूलाल निवासी कल्यानपुर (छतरपुर), कल्लू उर्फ रामगोपाल शुक्ला पुत्र छोटा उर्फ गणेश बाबू शुक्ला, श्यामलाल उर्फ पप्पू शुक्ला पुत्र नत्थू शुक्ला व ओमप्रकाश अवस्थी उर्फ ओमभाई पुत्र आत्माराम अवस्थी निवासीगण गहबरा (छतरपुर), दिलीप उर्फ बंटा पुत्र बृजलाल निवासी अरबपुर (फतेहपुर), करन उर्फ परशुराम दुबे पुत्र रामपलट दुबे निवासी महुई (तिंदवारी) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्यारोपियों को कब्जे से हत्या में प्रयुक्त किए गए दो 315 बोर तमंचा, कारतूस तथा मोबाइल फोन बरामद किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महेश द्विवेदी का अलिहा गांव निवासी गुड्डू सिंह के घर आना-जाना था। गुड्डू सिंह ने अपनी बहन की शादी महेश द्विवेदी से कराए जाने का भरोसा देकर उससे 15 लाख रुपये ले लिए। बाद में गुड्डू सिंह ने अपनी बहन का रिश्ता दूसरी जगह तय कर दिया। इसी बात पर महेश द्विवेदी गुड्डू सिंह से खुन्नस खा गया। महेश द्विवेदी ने गुड्डू सिंह की हत्या के लिए ओमप्रकाश उर्फ ओम भाई और श्यामलाल उर्फ पप्पू शुक्ला को डेढ़ लाख रुपये में सुपारी दी थी। एसपी ने बताया कि ओला कैब चालक धोखे में मारा गया। जबकि हत्यारों का टारगेट गुड्डू सिंह था। ओमप्रकाश और श्यामलाल दोनों हिस्ट्रीशीटर हैं। गौरिहार थाना क्षेत्र में दोनों पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। खुलासा करने वालों में बिसंडा थानाध्यक्ष एमएच शुक्ला, स्वाट टीम प्रभारी एमपी त्रिपाठी, क्राइम ब्रांच प्रभारी साजिद अली खां, एसओजी उप निरीक्षक सुजीत कुमार सिंह, हेड कांस्टेबिल योगेंद्र सिंह, कांस्टेबिल शैलेंद्र दुबे, भानु प्रकाश, अश्वनी प्रताप, भूपेंद्र सिंह, नीतेश समाधिया, रिषी अग्निहोत्री, गुलाब सिंह आदि शामिल रहे।
लखनऊ के कैब चालक हत्याकाण्ड का खुलाशा